उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। बाढ़ के कारण बदायूं दातागंज क्षेत्र में दर्जनों गावों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से टूट गया है। जिससे लोगों जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसी बीच एक एक एसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर पुराने जमाने की याद आ गई है।
गाव के आने वाले रास्तों में भरा पानी
दराअसल, 11 जुलाई को बदायूं के गांव नवादा बदन से मोनू की बारात शाहजहांपुर के मदनापुर के बुधुआंना गई थी। 12 जुलाई को मोनू अपनी नई नवेली दुल्हन की पहली विदा कराकर बदायूं लाया। लेकिन उसके गांव जाने वाले रास्तों पर बाढ़ का चारों तरफ पानी ही पानी था। ऐसे में बैलगाड़ी का बंदोबस्त किया गया। गाड़ी से उतरकर दुल्हन लगभग 6 किलोमीटर से ज्यादा पानी भरे रास्तों से गुजरी। इस दौरान दूल्हा और दुल्हनों को खतरा भी सताता रहा कि कहीं पानी भरे रास्ते पर कोई गहरा गड्डा न हो, वरना बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। जैसे तैसे दूल्हा-दुल्हन ने 6 किलोमीटर का सफर पानी भरे रास्तो से तय किया और दुल्हन ससुराल पहुंची।
रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाढ़ के पानी से जंग
बता दें कि रामगंगा के पानी ने बदायूं में कहर बरपाया है। करीब दो दर्जन से ज्यादा के ग्रामीण खानपान और जरूरत का सामान समीप के कस्बे से लाने के लिए पहले बाढ़ के पानी से जंग लड़ते है, तब कहीं जाकर रोजमर्रा की जरूरत पूरी करते है। कोई बीमार हो जाए तो एम्बुलेंस का पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। डीएम और एसडीएम निरीक्षण कर चुके हैं, फिर भी कोई राहत मिलने के कोई आसार नहीं है। शाहजहांपुर जाने के लिए यहां चार पुल बनाए गए है। बारिश और बाढ़ आने पर इन पुलों पर भी आवागमन बधित हो गया है।
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